सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के आखिरी दिनों से जुड़े करतारपुर के गुरुद्वारा दरबार साहिब तक भारतीय श्रद्धालुओं की बिना वीजा सीधी पहुंच बनाने वाले कॉरिडोर के ड्राफ्ट एग्रीमेंट पर दोनों देशों के बीच 14 मार्च को चर्चा होगी।
इसके लिए पाकिस्तानी अधिकारियों का दल 14 मार्च को ही दिल्ली पहुंचेगा। इस बात की जानकारी मंगलवार को पाकिस्तान की तरफ से भारत को दी गई।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल की तरफ से भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त गौरव आहलूवालिया को पाकिस्तान के दल के 14 मार्च को पहुंचने की जानकारी दी। विदेश कार्यालय में महानिदेशक (दक्षिण एशिया व सार्क) फैसल ने साथ ही भारतीय उच्चायुक्त को इस कॉरिडोर पर अगली चर्चा के लिए भारतीय दल 28 मार्च को पाकिस्तान भेजने का आग्रह भी किया।
सन 1522 में गुरु नानक ने करतारपुर में ही पहला गुरुद्वारा स्थापित किया था, जहां उन्होंने अपनी आखिरी सांस भी ली थी। इस कारण सिख समुदाय में इस स्थान को सबसे ज्यादा अहम माना जाता है। फिलहाल यह स्थान भारतीय सीमा से महज 4 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के नारोवाल जिले में आता है।
अभी तक भारतीय श्रद्धालुओं को पंजाब के गुरदासपुर जिले में सीमा के पास लगाई गई हाई पावर दूरबीन के जरिए ही गुरुद्वारा दरबार साहिब के दर्शन करने पड़ते हैं, लेकिन पिछले दिनों दोनों देशों ने इस पवित्र स्थान के दर्शन के लिए शांति प्रयासों के तहत एक सीमारहित कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया था। यह कॉरिडोर गुरदासपुर जिले के बाबा डेरा नानक से शुरू होकर करतारपुर तक बनना है, जिससे साल में किसी भी समय श्रद्धालु यहां की अबाध यात्रा कर सकें।